श्रीनगर में आपदा प्रभावितो की समस्याओं के समाधान हेतु धरना प्रदर्शन:
आपदा आये दो वर्ष बीत चुके है लेकिन हालत आज भी काफी खराब है, श्रीनगर आई.टी.आई परिसर को मलवे में दबे दो साल हो गए है,लेकिन आजतक भी वो मलवा सरकार वहा से हटवा नहीं पाई, साथ ही बुंगीधार आई.टी.आई और थैलीसैंण
आई.टी.आई का करोडो रूपये का समान वहा पडा-पडा सड रहा है, लेकिन सरकार को इसकी सुध लेने का समय कहा है, क्योंकि वे तो घोषणाओं या घौटालो में व्यस्त.
मैने एस. डी. एम को ज्ञापन पत्र सौंपा.
एक माह के अन्दर वहा से मलवा हटाया जाये ताकि आई.टी.आई को सुचारु रूप से चलाया जा सके, इसके अलावा बुंगीधार और थैलीसैंण आई.टी.आई का समान शीघ्र वहां भेजा जाये.
श्रीनगर में आपदा से प्रभावित स्थानीय परिवारो को बरसात के समय काफी दिक्कतो का सामना करना पडता है,उनके घरो में बारिश और नालियों का पानी चला जाता हैं,
जिससे बीमारी का खतरा भी रहता है, वहां पर नये सिरे से नालियों और रोडो का निर्माण किया जाये, जिससे समस्याओं का समाधान हो सके, साथ ही श्रीनगर खाद्य भंडार को पहले वाले स्थान पर ही बनाया जाये.
आपदा आये दो वर्ष बीत चुके है लेकिन हालत आज भी काफी खराब है, श्रीनगर आई.टी.आई परिसर को मलवे में दबे दो साल हो गए है,लेकिन आजतक भी वो मलवा सरकार वहा से हटवा नहीं पाई, साथ ही बुंगीधार आई.टी.आई और थैलीसैंण
आई.टी.आई का करोडो रूपये का समान वहा पडा-पडा सड रहा है, लेकिन सरकार को इसकी सुध लेने का समय कहा है, क्योंकि वे तो घोषणाओं या घौटालो में व्यस्त.
मैने एस. डी. एम को ज्ञापन पत्र सौंपा.
एक माह के अन्दर वहा से मलवा हटाया जाये ताकि आई.टी.आई को सुचारु रूप से चलाया जा सके, इसके अलावा बुंगीधार और थैलीसैंण आई.टी.आई का समान शीघ्र वहां भेजा जाये.
श्रीनगर में आपदा से प्रभावित स्थानीय परिवारो को बरसात के समय काफी दिक्कतो का सामना करना पडता है,उनके घरो में बारिश और नालियों का पानी चला जाता हैं,
जिससे बीमारी का खतरा भी रहता है, वहां पर नये सिरे से नालियों और रोडो का निर्माण किया जाये, जिससे समस्याओं का समाधान हो सके, साथ ही श्रीनगर खाद्य भंडार को पहले वाले स्थान पर ही बनाया जाये.
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