February 20, 2016

वीर शीरोमणि माधो सिंह‬ ‪ भण्डारी‬

#‎आज_मलेथा‬ में ‪#‎वीर_शीरोमणि_माधो_सिंह‬ ‪#‎भण्डारी‬ स्मृति समारोह में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, माधोसिंह भंडारी आज से लगभग 400 साल पहले पहाड़ का सीना चीरकर नदी का पानी अपने गांव लेकर आये थे। माधोसिंह भंडारी गढ़वाल की कथाओं का अहम अंग रहे हैं।
माधोसिंह ने तिब्बतियों को उनके घर में जाकर छठी का दूध याद दिलाया था तथा भारत और तिब्बत (अब चीन) के बीच सीमा रेखा तय की थी। गढ़वाल के इस महान सेनापति, योद्धा और कुशल इंजीनियर माधोसिंह भंडारी के बारे में गढ़वाल में यह छंद काफी प्रसिद्ध है....
‪#‎एक_सिंह_रैंदो_बण‬, ‪#‎एक_सिंह_गाय_का‬
‪#‎एक_सिंह_माधोसिंह‬, ‪#‎और_सिंह_काहे_का‬।।
(यानि एक सिंह वन में रहता है, एक सींग गाय का होता है। एक सिंह माधोसिंह है। इसके अलावा बाकी कोई सिंह नहीं है।)
‪#‎जय_मलेथा‬, ‪#‎जय_माधो_सिंह_भण्डारी‬

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