दिनांक 24.02.2021 को मज्यूर गांव में टिंचरी माई (दीपा नौटियाल) स्मारक एवं मूर्ति स्थापना के लिए भूमि पूजन व शिलान्यास किया। शराबबंदी के लिए टिंचरी माई का योगदान अहम है। वह पहाड़ का अभिमान हैं। माई ने कोटद्वार के सिगड्डी क्षेत्र की पेयजल समस्या के लिए दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री से मुलाकात करने वाले टिंचरी मार्ग की स्मारक बनने के बाद प्रतिवर्ष जून माह में यहां भव्य आयोजन भी किया जाएगा।
महिला शक्ति की जीती जागती मिसाल थी, टिंचरी माई उर्फ दीपा देवी। आजादी के बाद जब महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थी समाज में हर तरफ अंधविश्वास, सामाजिक कुरीतियां, अशिक्षा और नशे का बोल बाला बढ़ रहा था, तब टिंचरी माई समाज में उम्मीद की किरण बन कर अभरी
टिंचरी माई का जन्म 1917 में ग्राम मंज्युर, तहसील थलीसैण में तथा विवाह ग्राम गवाड़ी, ब्लॉक पोखड़ा, जिला पौड़ी गढ़वाल के हवलदार गणेशराम नवानी से हुआ था जो द्वितीया विश्व युद्ध में शहीद हो गए थे. परिवार में विरक्त होने पर ये जोगन बन गयी मगर सामाजिक कार्योँ में अपने योगदान के लिए सारे गढ़वाल में प्रसिद्ध हुईं। इनका वास्तविक नाम दीपा देवी था. गाँव में यह ठगुली देवी के नाम से पुकारी जाती थी. इच्छागिरी माई के रूप में भी इन्होने प्रसिद्धि पायी। इन्होने सामाजिक कुरीतियों तथा धार्मिक अंधविश्वासों का डटकर सामना किया। गढ़वाल में ५०-६० के दसक में आयुर्वेद दवाई के नाम पर बिकने वाली शराब (टिंचरी) की दुकानों को बंद कराने तथा बच्चों की शिक्षा विशेषकर बालिकाओं की शिक्षा के लिए स्कूलों का निर्माण कराने में इनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा। टिंचरी माई का निधन 75 साल की उम्र में हो गया. इस महान महिला के लिए हमारा कोटि कोटि नमन…
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